फिर वही सवाल, फिर वही जवाब
क्या हुआ?? कुछ नहीं।।
की वही दबी सी आवाज़
कुछ तो बोलो,
जब कुछ हुआ ही नहीं तो क्या बोलूं
नहीं कुछ तो हुआ है
नहीं कुछ नहीं हुआ है
बता दो प्लीज
अरे नहीं हुआ है कुछ
ठीक है ....
कुछ समय बाद......
फिर वही सवाल, फिर वही जवाब
क्या हुआ है??? कुछ भी तो नहीं!!
रात वही, दिन वही
छोटी - बड़ी रातों में
बातों की कमी!!
ठीक हो?? हां ठीक हूं।।
चलो अच्छा है, और बात समाप्त।।
कुछ दिन बाद....
फिर वही सवाल, फिर वही जवाब
ठीक हो?? हां ठीक हूं,
के साथ ही किसी डर का आगाज़
कहां तक जाओगे??
किसके साथ आओगे??
कई सारे सवाल, और सवालों का सैलाब
पर बस एक ही जवाब, और बस एक ही जवाब
कुछ नहीं हुआ , सब ठीक है।।
कुछ महीनों बाद......
फिर वही सवाल, फिर वही जवाब
फिर वही सवाल, फिर वही जवाब।।
और ना जाने कब तक
वही जवाब, वही सवाल।।
फिर वही सवाल....
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कितना मुश्किल होता है।
कितना मुश्किल होता है हंसना, जब हंसी न आए कितना मुश्किल होता है रोना, जब आंसू सूख जाए जीना भी हो और जी भी न पाएं मरना न हो फिर भी मरे सा एहस...
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एक दूजे से कितने अलग है हम एक धागे के दो छोर की तरह आपस से कितने दूर हैं हम बिल्कुल आसमां और ज़मीन की तरह कैसे होगा मिलन, तू ही बता एक है धा...
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हमे में से ना जाने कितने ही लोग अपने ही बारे में ये सवाल करते होंगे, मैं ऐसी/ऐसा क्यों हूं? अपने आप को कभी तो बहुत अच्छा महसूस करते होंगे, ...
Bhut achhee aapki kalam hmesha yado ko taja krti h ase hi likhte rhna
ReplyDeleteThank you.
Delete👌👌👌👌
ReplyDeleteDhanyawaad
DeleteConversations is btwn you n ..😊
ReplyDelete____
Deleteyess...
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