कितना मुश्किल होता है।

कितना मुश्किल होता है
हंसना, जब हंसी न आए
कितना मुश्किल होता है
रोना, जब आंसू सूख जाए
जीना भी हो
और जी भी न पाएं
मरना न हो
फिर भी मरे सा एहसास हो जाए
कितना मुश्किल होता है 
कहना, जब बहुत कुछ हो
पर शब्द न मिल पाए,
आवाज निकलते निकलते ही,
गले में फंस जाए
मौसम हो सुहाना
पर मन का मौसम,
कहीं और ही गोते खाए,
सड़कों पर चलते चलते
रास्ता भटक जाए
या फिर भटके हुए रास्तों पर 
कोई सहारा मिल जाए।
कितना मुश्किल होता है
ये सब समझ पाना
कहीं कोई गुमसुम हो तो,
उसे कैसे हंसाए
किसी के दर्द को अपना 
कैसे बनाएं?
ये सब समझ पाना
किसी को भी समझाना
कितना मुश्किल होता है
छोटे से जीवन को सुकून से बिताना।।

कितने अलग है हम

एक दूजे से कितने अलग है हम
एक धागे के दो छोर की तरह
आपस से कितने दूर हैं हम
बिल्कुल आसमां और ज़मीन की तरह
कैसे होगा मिलन, तू ही बता
एक है धारा, तो दूसरा किसी साहिल की तरह
तेरे मेरे दरमियान
मीलों का फासला
जैसे तुम हो पूरब
तो मैं पश्चिम दिशा की तरह
कोई मिलने की राह हो तो तू ही बता
मै हूं सूखा रेगिस्तान
तो तुम हो समन्दर भरा
तुम्हें बारिश की बूंदों में इश्क की महक आती है
मेरे लिए महज शीतल पानी की तरह
तुम ही बोलो
क्या कोई मेल है
दो अलग अलग रास्तों का।।

कितना मुश्किल होता है।

कितना मुश्किल होता है हंसना, जब हंसी न आए कितना मुश्किल होता है रोना, जब आंसू सूख जाए जीना भी हो और जी भी न पाएं मरना न हो फिर भी मरे सा एहस...