एक दूजे से कितने अलग है हम
एक धागे के दो छोर की तरह
आपस से कितने दूर हैं हम
बिल्कुल आसमां और ज़मीन की तरह
कैसे होगा मिलन, तू ही बता
एक है धारा, तो दूसरा किसी साहिल की तरह
तेरे मेरे दरमियान
मीलों का फासला
जैसे तुम हो पूरब
तो मैं पश्चिम दिशा की तरह
कोई मिलने की राह हो तो तू ही बता
मै हूं सूखा रेगिस्तान
तो तुम हो समन्दर भरा
तुम्हें बारिश की बूंदों में इश्क की महक आती है
मेरे लिए महज शीतल पानी की तरह
तुम ही बोलो
क्या कोई मेल है
दो अलग अलग रास्तों का।।
@Manmarjiyaan
कितने अलग है हम
कितने अलग है हम
Beautiful..
ReplyDeleteThank you
DeleteLike you..
ReplyDeleteBeautiful...
ReplyDeleteThank you
DeleteBeautiful...
ReplyDelete❤
ReplyDeleteThank you
DeleteVery nice ❤️
ReplyDeleteThank You
DeleteAwesome lines....❤️
ReplyDeleteThank you :)
Deletemast h
ReplyDeleteShukriya
DeleteBhot achi line h ❤️❤️
ReplyDeleteThank you
Delete����������
ReplyDeleteVery nice
ReplyDeletenice line
ReplyDelete❤👏👏👏
ReplyDeleteAwsm❤
ReplyDelete