खुदा, ईश्वर, अल्लाह, रब, वाहेगुरु
खुदा कहो ईश्वर कहो
भगवान् कहो या रब कहो
वाहेगुरु कहो, गॉड कहो या कह दो अल्लाह
रूप बेशक हज़ार हैं, नाम बेशक तमाम हैं
अन्तरात्मा तो जानती है, सब एक ही सामान है
फिर क्यों धर्म के नाम पैर भेद- भाव
क्यों जाती के नाम पे बैर
धर्म जात- पात उस ईश्वर की देन नहीं है
हम मनुष्य की देन है
तो क्यों खुदा के नाम पर दंगे- फसाद
किसने ये जाती बनायीं किसने ये धर्म बनाया
और अलग अलग जाती धर्म बनाये तो भी ठीक
पर ऐसी जाती, धर्म, का क्या मोल जिसने इंसान को इंसान से लड़ाया
इंसानो में से इंसानियत को मिटाया
ईश्वर हो या अल्लाह किसी ने नहीं कहा की धर्म के नाम पर
दहशत फैलाओ, भेद-भाव करो,
तो फिर क्यों धर्म को धर्म से लड़ाते हो
आखिर क्यों इंसान से इंसान के लिए ही द्वेष दिखाते हो??
👌👌
ReplyDeleteBht khub likhe ho... 😊😊😊
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